Draupadi Murmu: चार साल में दो बेटों और पति की मौत का सदमा झेला, 6 महीने डिप्रेशन में रही मुर्मू

Draupadi Murmu: देश को अपनी 15वीं राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) मिली है। जोकी पहली आदिवासी राष्ट्रपति भी हैं। और देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति, लेकिन यहां तक पहुंचने का सफर उनके लिए आसान नहीं रहा। देश के नई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की कहानी बेहद संघर्षभरी है और साथ ही प्रेरणादायक भी है। आज देश भर में अलग ही लहर दौड़ रही है, द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) की खुशी में लोग खुश हो रहे हैं, जश्न का माहौल हैं, पटाखे फूट रहे हैं और एक दूसरे को मिठाइयां भी बांटी जा रही है परंतु मुर्मू की जिंदगी ऐसी नहीं थी पहले उनकी जिंदगी में एक लम्हा ऐसा भी था जब वह पूरी तरह से बिखर गई थी। उन्होंने अपने 3 बच्चों और पति को खोया था।

द्रौपदी मुर्मू

4 साल में दो बेटों और पति की मौत का सदमा झेला

1984 में द्रौपदी मुर्मू ने अपनी पहली संतान खोई थी। 2010 में उन्होंने अपनी 25 साल के बेटे लक्ष्य को खो दिया था। 2013 में द्रौपदी मुर्मू ने अपने छोटे बेटे शिपुन को 28 साल की उम्र में खोया था। इतना काफी नहीं था कि, अक्टूबर 2014 में द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के पति श्याम चरण मुर्मू दुनिया का साथ छोड़ कर चले गए। उस दौरान द्रौपदी मुर्मू ने 4 साल में अपने दो बेटों और पति की मौत का सदमा झेला था। बताया जाता है कि बड़े बेटे के निधन के बाद द्रौपदी मुर्मू 6 महीने के लिए डिप्रेशन में भी चली गई थी। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और उसी हिम्मत के सहारे वह डिप्रेशन से उभर पाई। इसके लिए मुर्मू ने अध्यात्मा का भी सहारा लिया।

द्रौपदी मुर्मू

बेटी इतिश्री ने बताई मां द्रौपदी की ये खासियत

मुर्मू के परिवार में उनकी एक बेटी है। उनकी बेटी क्या नाम इतिश्री है। उनकी बेटी बैंक में काम करती है। एक बार बेटी इतिश्री ने कहा था कि उनकी मां (Draupadi Murmu) एक खुली किताब की तरह है और लोगों के साथ बहुत जल्दी घुलमिल जाती हैं। उन्होंने बताया कि आज तक जितनी भी जिम्मेदारियां और पद मां को मिले हैं उन्होंने उन सब को बहुत ही इमानदारी के साथ निभाया है।

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द्रौपदी मुर्मू की जीवनशैली

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) बेहद अनुशासनात्मक जीवन जीती है। वह रोजाना ध्यान करती हैं। इसके लिए वह सवेरे ही 3 बजे उठ जाती हैं और फिर ध्यान लगाती हैं। वह रोजाना योग भी करती हैं। और इसके बाद वह अपनी आगे की दिनचर्या शुरू करती हैं। बता दें कि वह शुद्ध शाकाहारी हैं और भोजन में प्याज और लहसुन बिल्कुल नहीं लेती हैं। उनको ओडिशा की प्रसिद्ध मिठाई “चेन्ना पोड़ा” बहुत पसंद है।

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