President Election: उद्धव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा की मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे यह बात साझा की है, कि पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का मौका मिल रहा है।
द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में लोग
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में उतरे। आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में लोग लगातार आते जा रहे हैं। वहीं, राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार के रूप उतरने वाले विपक्ष में विभाजन उभरता हुआ नजर आ रहा है। वहीं उद्धव ठाकरे ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में उतरकर विपक्षी खेमे को नया झटका दे दिया।
उद्धव ने दिया बड़ा झटका
18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए होंगे चुनाव। द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने वाले दलों की वोट की हिस्सेदारी 60% को पार कर चुकी है। हाली स्थिति देख कर लग रहा है कि शिवसेना एक तरह से दो दलों में बाट चुकी हैं। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके उद्धव ठाकरे एक दल की अगुवाई कर रहे हैं, वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दूसरे खेमे के नेतृत्व कर रहे हैं। पहले ही शिंदे खेमा द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर चुका है।
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विचारों का सम्मान करते हुए मुर्मू के समर्थन का फैसला किया
उद्धव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा कि शिवसेना बिना किसी दबाव के द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर रही है। उद्धव ठाकरे ने कहा की मेरी पार्टी के आदिवासी नेताओं ने मुझसे यह बात साझा की है, कि पहली बार किसी आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाने का मौका मिल रहा है। अपने आदिवासी नेताओं के विचारों का सम्मान करते हुए हमने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का फैसला किया है।
बालासाहेब थोराट का बयान
शिवसेना सुप्रीमो ने बयान देते हुए कहा कि मौजूदा राजनीतिक माहौल को देखते हुए हमें द्रौपदी मुर्मू का समर्थन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह एक बीजेपी के कैंडिडेट है। लेकिन हमारे विचार अच्छी मानसिकता वाले हैं। कांग्रेस ने कहा कि शिवसेना का यह फैसला समाज की सोच से परे है। महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता बालासाहेब थोराट ने एक बयान देते हुए कहा है कि “शिवसेना महाविकास आघाडी का हिस्सा है, परंतु उन्होंने हमारे साथ इस फैसले पर कोई चर्चा नहीं की है। यह बात समझ नहीं आ रही है कि क्यों पार्टी मुर्मू का समर्थन कर रही है जबकि उनकी सरकार को अलोकतांत्रिक तरीके से गिराया गया था।
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