Javelin Thrower Player Condition : भारत की अंतरराष्ट्रीय भाला फेंक खिलाड़ी आज दो समय का खाना मिलने के मौहताज

Javelin Thrower Player Condition : मारिया गोरोती खलखो (Maria Goroti Khalkho) जोकि एक भाला खिलाड़ी रह चुकी हैं और उन्होंने कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और देश के लिए बहुत से पदक जीते हैं। आज इनकी ऐसी हालत है कि वह दो समय का भोजन भी नहीं कर पा रही हैं। आज इस लेख में जानते हैं इनकी इस हालत के बारे में।

Javelin Thrower Player Condition

कहा जाता है कि जब तक कोई खिलाड़ी मैदान में अपने खेल का प्रदर्शन अच्छे से करता रहे तब तक उस खिलाड़ी के पास नाम, शोहरत और पैसा होता है। वही, जैसे-जैसे कोई भी खिलाड़ी खेल के मैदान से दूरी बनाता है उसी तरह यह सारी चीजें भी उस इंसान से दूरी बनाने लगती है। कुछ ऐसी ही घटना भारत की पूर्व अंतरराष्ट्रीय भालाफेंक खिलाड़ी (Former International Javelin Thrower) मारिया गोरोती खलखो (Maria Goroti Khalkho) के साथ हुई है।

Javelin Thrower Player Condition नहीं मिल रहा दो वक्त का खाना

जब तक वह मैदान में खेलती हुई नजर आती थी तब तक उनके पास नाम, शोहरत, पैसा सभी था। लेकिन जैसे ही उन्होंने खेल से दूरी बनाई वैसे ही यह सब चीजों से दूर होगी। और आज उनकी ये हालत हो गई है कि उनके पास एक वक्त का खाना खाने के लिए भी पैसे नहीं है।

मारिया गोरोती खलखो ने भालाफेंक में कई पदक जीते

आपको बता दें कि मारिया गोरोती खलखो ने कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और देश के लिए बहुत से पदक जीते हैं। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी के खेल को समर्पित कर दी थी। और इसी कारण से उन्होंने अभी तक किसी से शादी नहीं की।

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Javelin Thrower Player मारिया गोरोती खलखो फेफड़ों की बीमारी से हैं पीड़ित

उच्चतम स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के बाद उन्होंने लगभग 30 वर्ष अपनी जिंदगी के अन्य एथलीटों को भालाफेंक के प्रशिक्षण में बिता दी। लेकिन आज वह फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित है जिसके कारण उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होती है और वह हमेशा बिस्तर पर रहती। उन्हें एक कदम चलने के लिए भी किसी के सहारे की जरूरत पड़ती है। शर्म की बात ये है कि अपने जमाने की एक प्रतिष्ठित एथलीट के पास आज दवा और खाना खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है।

वहीं झारखंड ग्रैपलिंग एसोसिएशन के प्रमुख प्रवीण सिंह ने जब मारिया की स्थिति देखी तो उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पूर्व खिलाड़ियों को मदद करने के लिए बहुत सी घोषणा की जाती है लेकिन उसके बावजूद भी कोई ठोस योजना अभी तक नहीं बनाई गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब मीडिया ऐसे खिलाड़ियों का मुद्दा उठाती है, तभी उन्हें आवश्यक मदद मिल पाती है।

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