PT Usha: देश की ‘उड़न परी’ पीटी ऊषा राज्यसभा के लिए नामित

PT Usha: केरल के एक छोटे से गांव में जन्मी पीटी उषा ने खेल के क्षेत्र में वह मुकाम हासिल किया है, जिसने एक मिसाल कायम कर दी। पीटी उषा को ‘उड़न परी’ के नाम से भी जाना जाता है। पीटी उषा ने तीन ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है।

PT Usha को बचपन से ही दूर ना पसंद

आपको बता दें कि पीटी उषा के चाचा स्कूल में शिक्षक थे। जिस वजह से उन्हें खेल में करियर बनाने के लिए अपने माता-पिता के सामने ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। पीटी उषा के परिवार ने उनका पूरा साथ दिया और ट्रेनिंग के दौरान इनका हौसला भी बढ़ाया। अपने बचपन के वक्त में वे कई बार एक धूल भरे रास्ते पर ढूंढने जाती थी जहां वह गुजरती हुई गाड़ियों के साथ दौड़ लगाती थी। साथ ही पीटी उषा को समुद्र के किनारे दौड़ना भी अच्छा लगता है।

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PT Usha राज्यसभा के लिए नामित

इस महीने एथलीट पीटी ऊषा गोर राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। पीटी उषा देश की पहली महिला है जो ओलंपिक में फाइनल खेली थी। उन्होंने यह उपलब्धि 1984 लॉस एंजलिस ओलंपिक में हासिल की थी।

PT Usha लाखों लड़कियों के लिए रोल मॉडल

पीटी उषा उन लाखों लड़कियों के लिए एक रोल मॉडल है जो अपना करियर खेल में बनाना चाहती है खासकर ट्रैक और फील्ड इवेंट इवेंट में। अपने करियर के दौरान पीटी उषा ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए हैं और तोड़ हैं।

‘उड़न परी’ के साथ पीटी ऊषा ‘पय्योली एक्सप्रेस’ और ‘सुनहरी कन्या’ के नाम से भी मशहूर है। आपको बता दें कि पीटी उषा ने विश्व जूनियर आमंत्रण मीट, एशियाई चैंपियनशिप और एशियाई गेम्स समेत इंटरनेशनल टूर्नामेंट्स में मेडल जीता है।

PT Usha ने जीते मेडल

पीटी ऊषा 1984 के लॉस एंजलिस ओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड में भारत को पहला मेडल दिलाने से चूक गई। पीटी ऊषा 400 मीटर बाधा दौड़ में चौथे स्थान पर आई थी। और 1/100 सेकंड से ब्रोंज मेडल लेकर जीत हासिल की थी।

पीटी उषा ने खेल से रिटायर लेने के बाद, उन्होंने अपना खुद का स्कूल ऑफ एथलेटिक्स स्टार्ट किया, जहां पर प्रतिभाशाली युवाओं को वर्ड लेवल की सुविधाएं दी जाती है।

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