Google Doodle: मलयालम साहित्यकार बालमणि अम्मा (Balamani Amma) के 113वें जन्मदिन पर गूगल ने आज खास डूडल तैयार किया है। केरल की आर्टिस्ट देवीका रामचंद्रन ने इस डूडल को तैयार किया है। बता दें कि, बालमणि अम्मा को मलयालम साहित्य की “दादी” अम्मा (Grandmother of Malayalam Literature) के नाम से भी जाना जाता है।
बालमणि अम्मा कमला दास की मां हैं
साल 1909 में केरल के त्रिशूर जिले में जन्मी बालमणि अम्मा अपने साहित्यिक कार्यों के लिए बहुत बार पुरस्कारों से नवाजी गई है। इन पुरस्कारों में सरस्वती सम्मान और भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण भी शामिल है। बता दें कि बालमणि अम्मा कमला दास की मां भी हैं, जिन्हें साल 1984 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
‘साहित्य निपुण पुरस्कारम’ से सम्मानित
1930 में अम्मा की पहली कविता कोप्पुकाई प्रकाशित हुई थी। अम्मा को कोचीन साम्राज्य के पूर्व शासक परीक्षित थंपुरन से एक प्रतिभाशाली कवि की तौर पर पहचान मिली थी। थंपुरन ने अम्मा को ‘साहित्य निपुण पुरस्कारम’ से सम्मानित किया था।
उन्हें “मातृत्व की कवित्री” के रूप में जाना जाता है
अम्मा की कविताओं का प्रभाव लोगों पर कुछ इस तरीके से पड़ा की बाद में उन्हें “मातृत्व की कवित्री” के रूप में जाना जाने लगा। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृतियों में अम्मा, मुथस्सी, और मजुविंते कथा शामिल है।
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क्यों बालमणि को अम्मा और मुथस्सी के रूप में जाना जाता है
गूगल डूडल के मुताबिक, बच्चों और पोते-पोतियो के प्रति उनकी प्रेम का वर्णन करने वाली उनकी कविताओं ने उन्हें मलयालम कविता की अम्मा और मुथस्सी की उपाधि दी।