Independence day: इस साल भारत अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) मनाएगा। और हर साल की तरह इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से देशवासियों को संबोधित करेंगे। इस संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग-अलग मुद्दे पर बात करेंगे। इसमें युवा पीढ़ी, किसान, ओलंपिक खिलाड़ियों जैसे मुद्दे शामिल होंगे।
बुलेटप्रूफ घेरा तैयार करते हुए नजर आए कर्मचारी
हर साल स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से अपना भाषण देने के बाद बच्चों का अभिवादन करते हैं। जिसके लिए उन्हें अपने सुरक्षा घेरे से बाहर निकलना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) पर बुलेटप्रूफ शीशे की जगह एक खुले पोडियम से लोगों को संबोधन करने का विकल्प चुनते हैं। लेकिन इस बार सुरक्षा व्यवस्था बदलने की संभावना है। क्योंकि 11 अगस्त को जारी की गई एक तस्वीर में कुछ कर्मचारियों को लाल किले पर बुलेटप्रूफ घेरा तैयार करते हुए देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी बुलेट प्रूफ शीशे का इस्तेमाल नहीं करते हैं
साल 2014 में प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से पीएम के रूप में अपना पहला स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) भाषण दिया था, और इस दौरान उन्होंने बुलेट प्रूफ घेरा का इस्तेमाल नहीं किया था। वैसे अगर बुलेट प्रूफ घेरा हटा दिया जाता है तो उसके बाद सुरक्षा इंतजामात और भी व्यापक कर दिए जाते हैं। बता दें कि 2014 से ही प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ शीशे के घेरे का प्रयोग नहीं करते हैं।
ये भी पढें:NEET 2022 Result: जल्द होंगे NEET 2022 के परिणाम जारी, कैसे करें चेक?
1985 से बुलेट प्रूफ घेरे का इस्तेमाल किया जा रहा है
असल में, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद से ही बुलेट प्रूफ शीशा को इस्तेमाल किया जाने लगा है और तभी से सभी प्रधानमंत्री बुलेट प्रूफ कांच के पीछे से राष्ट्र को संबोधित करते आ रहे हैं। पहली बार 1985 में बुलेट प्रूफ घेरे का इस्तेमाल किया था, उस वक्त पर मौजूदा प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे। और तभी से बुलेट प्रूफ घेरे का इस्तेमाल करने की व्यवस्था चलती आ रही है।
ये भी पढें:Azadi ka Amrit Mahotsav: पूरे देश में मनाया जाएगा आजादी का अमृत महोत्सव, जानें इसका इतिहास