Kanpur Violence: कानपुर में शुक्रवार को नमाज के बाद दंगे (Kanpur Violence) भड़क उठे। इस दौरान एक समुदाय के लोग बल प्रयोग से दुकानें बंद करवा रहे थे जिसका विरोध करने पर उपद्रवियों द्वारा जमकर पथराव किया गया।
कानपुर में भड़की हिंसा की वजह एक न्यूज डिबेट के दौरान भाजपा नेता नूपुर शर्मा (BJP leader Nupur Sharma) द्वारा दिये गए एक बयान को माना जा रहा है। दरअसल, 26 मई को एक न्यूज चैनल पर ज्ञानवापी मामले को लेकर चल रही डिबेट के दौरान नूपुर ने पैगंबर साहब पर एक बयान दिया। नूपुर शर्मा के इस बयान पर कई मुस्लिम संगठनों ने नाराजगी जताई।
Kanpur Violence कानपुर में हुआ विरोध प्रदर्शन
नूपुर के बयान के बाद मुस्लिम संगठनों ने कानपुर में पोस्टर लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। 2 जून को शहर के कई इलाकों में दुकानों को बंद करने की अपील की गई। 3 जून को कानपुर के बेकनगंज में लगभग सभी दुकानें बंद थी केवल कुछ हिन्दूओं की दुकानें ही खुली थीं।
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हिन्दू दुकानदारों के दुकान बंद करने से मना करने पर हिंसा भड़क उठी और भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद परेड चौराहे पर करीब 1 हजार लोगों की भीड़ इक्कट्ठा हो गई। जिसके बाद से हालात बेकाबू हो गए।
Kanpur Violence 1000 लोगों पर लिया गया एक्शन
हिंसा के बाद CM योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल बैठक करते हुए तत्काल एक्शन लेने का निर्देश दिया। जिसके बाद मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी समेत 40 लोगों पर एक्शन लिया गया। इस दौरान करीब 1000 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया। बलवाइयों की पहचान के लिए वीडियो और CCTV फुटेज की मदद ली जा रही है।
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बता दें कि, कानपुर में हिंसा (Kanpur Violence) के दौरान घटनास्थल से करीब 50 किमी दूर कानपुर देहात के परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मौजूद थे। महामहिम के साथ में पीएम नरेंद्र मोदी, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ भी थे।