Labour Law: आज होगी श्रम मंत्रियों की बैठक, श्रम कानून में किए गए बदलाव

Labour Law: आज पीएम नरेंद्र मोदी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के सम्मेलन को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करेंगे। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की ओर से 25 अगस्त को आंध्र प्रदेश के तिरुपति में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में श्रम संबंधी (Labour Law) अलग-अलग मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा।

Labour Law: क्या मिलेगा सप्ताह में 3 दिन का अवकाश?

बता दें कि नए श्रम कानून (Labour Law) के अनुसार सप्ताह में 3 दिन अवकाश का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। असल में सरकार का लक्ष्य है कि श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और साथ ही रोजगार सृजन और उद्योग और श्रमिकों के बीच एक बेहतर व्यवहारिक संतुलन स्थापित करे जाएंगे। अनुमान लगाया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति में होने वाले श्रम मंत्रियों के सम्मेलन में नए कानून को लागू करने पर सहमति बन सकती है। जानकारी के अनुसार इस बैठक में नए श्रम कानून को लागू करने की सहमति बन सकती है, क्योंकि इससे जुड़े सभी प्रावधानों को सभी राज्यों में सहमति मिल चुकी है।

Labour Law: चार हिस्सों में 29 श्रम कानूनों को बांटा गया

खबरों की मानें तो सरकार ने 29 श्रम कानूनों के बदले इसे चार हिस्सों में पारिश्रमिक संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, औद्योगिक संबंध सहिंता और पेशागत सुरक्षा संहिता में बांटने का निर्णय किया है। बता दें कि 31 राज्यों ने पारिश्रमिक संहिता को लेकर,27 राज्यों ने सामाजिक सुरक्षा संहिता को लेकर, 25 राज्यों ने औद्योगिक संबंध संहिता को लेकर और 24 राज्यों ने पेशागत सुरक्षा संहिता को लेकर नए श्रम कानून (Labour Law) के तहत अपना नियम तैयार कर लिया है। श्रम मंत्रियों के सम्मेलन में नए कानून को लागू करने की तारीख पर सहमति बन सकती है। बता दें कि पहले 1 जुलाई से नए श्रम कानूनों को लागू करने की योजना बनाई गई थी।

Labour Law: कुल वेतन का 50 फीसदी बेसिक होगा अनिवार्य

नए श्रम कानून (Labour Law) में श्रमिकों का बेसिक वेतन उसके कुल वेतन का कम से कम 50 फीसदी करना अनिवार्य किया गया है। हालांकि नए कानून लागू होने के बाद पीएफ के मद में श्रमिकों के बेसिक का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी हिस्सा ही भविष्य निधि (पीएफ) के लिस्ट में कटेगा।

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Labour Law: लेबर कोड के नियमों को ड्राफ्ट करने का अनुरोध

इस सम्मेलन में सभी राज्यों से चार लेबर कोडों पर नियमों को ड्राफ्ट करने की प्रक्रिया को पूरा करने का अनुरोध किया जाएगा। बता दें कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आशय का अनुरोध राज्यों से करेंगे।

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