Sawan Somvar: सावन में मेहंदी लगाना बहुत शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मेहंदी लगाने से पति पत्नी का रिश्ता और मजबूत होता है। लोगों के बीच मेहंदी के बारे में एक मान्यता यह है कि जिस महिला के हाथ पर मेहंदी का रंग जितना गहरा होगा, उस महिला का पति उससे उतना ही प्यार करेगा या फिर करता होगा। सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा है। क्या आप जानते हैं सावन में महिलाएं मेहंदी क्यों लगाती हैं।
Sawan में मेहंदी लगाने का महत्व
सावन के महीने में बहुत से त्योहार आते हैं। और इस दौरान महिलाएं सौलह श्रृंगार करती हैं। मेहंदी को बहुत शुभ मानते हैं। हिंदू धर्म में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना करने के लिए व्रत करती हैं और इसीलिए वह हाथों में मेहंदी लगाती हैं। मेहंदी ठंडी होती है इसलिए सावन के महीने में मेहंदी लगाने से आपका शरीर की गर्मी कम होती है। मेहंदी लगाने से तनाव भी कम होता है।
Sawan में झूला झूलना क्यों होता है महत्व
सावन के महीने में झूला झूलना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर आप सावन के महीने में झूला झूलते हैं या फिर भगवान शिव की आराधना करते हैं या हरी चूड़ी पहनते हैं या ऐसे कोई दूसरे काम करते हैं तो आपके जीवन में यह सब चीजें लाभदायक होती हैं। पहले के समय में लोग घरों में झूला डालकर झूला झूलते थे और साथ ही सावन के गीत गाते थे। बहुत से गांवों में आज भी यह परंपरा अपनाई जाती है। लेकिन धीरे-धीरे परंपरा खत्म सी होती जा रही है। सावन के महीने में झूला झूले से लोग तरोताजा महसूस करते हैं साथ ही उनका तनाव भी कम होता है। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने भी राधा जी को झूला झुलाया था जिसके बाद से ही यह परंपरा चली आ रही हैं।
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Sawan के महीने में चूड़ियां पहनने का महत्व
सावन का महीना एक ऐसा महीना है जिस दौरान सबसे अधिक बारिश होती है और जिसके कारण चारों तरफ हरियाली देखी जाती है। हरा रंग उल्लास का प्रतीक होता है जो आपके मन को भी आनंदित रखता है। साथ ही भगवान शिव को चढ़ाए जाने वाले बेल और धतूरे का रंग भी हरा होता है। प्रकृति का निर्माण करने वाले भगवान शिव हरे रंग से बहुत प्रसन्न रहते हैं। और यहीं सबसे बड़ा कारण है कि सुहागन महिलाएं सावन के महीने में हरी चूड़ियां पहनती हैं।