Suicide Update: क्यों भारत में आत्महत्या के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं? आत्महत्या करने वाला हर चौथा व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर

Suicide Update: 2021 के आंकड़ों के हिसाब से सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूरों, स्वरोजगार से जुड़े लोगों, बेरोजगारों और कृषि क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोगों ने आत्महत्या की। साल 2021 में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या (Suicide Update) की जिसमें से ज्यादातर व्यक्ति दिहाड़ी मजदूर थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 में कुल 42,004 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की थी। जिसमें 4,246 महिलाएं शामिल थी।

Suicide Update: सेल्फ-एम्प्लॉयड ने की आत्महत्या

आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या करने वाले लोगों में से एक बड़ा वर्ग उन लोगों का था जो सेल्स- एम्प्लॉयड थे। इस वर्ग में से कुल 20,231 लोगों ने खुद की जान ले ली। यह आंकड़ा आत्महत्या (Suicide Update) की घटनाओं का 12.3% है। साल 2021 में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 10,881 व्यक्तियों ने आत्महत्या की। जिसमें से 5,318 किसान थे और 5,563 खेतिहर मजदूर थे।

Suicide Update: आंकड़ों के अनुसार

एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 में प्रोफेशनल या वेतन भोगी श्रेणी में 15,870 आत्महत्या करने वालों की संख्या थी। और अफसोस की बात है कि इस साल आत्महत्या (Suicide Update) करने वालों में 13,714 बेरोज़गार और 13,089 छात्र भी शामिल हुए हैं। 2021 में आत्महत्या करने वाले लोगों में गृहणियों की भी बड़ी संख्या है। कुल 23,179 गृहणियों ने 2021 में आत्महत्या की थी। जो कि एक बड़ा आकड़ा है।

Suicide Update: दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या करने के सबसे ज्यादा मामले

आंकड़ों के हिसाब से तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, केरला और गुजरात इन राज्यों में से दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या करने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। जो कि एक परेशानी की बात है। यही आंकड़े सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा? क्यों दिन बा दिन आत्महत्या करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं? बता दें कि 2020 में दिहाड़ी मजदूरों की आत्महत्या के मामलों में इजाफा आया है। साल 2020 में कुल 37,666 दिहाड़ी मजदूरों ने आत्महत्या की। इस साल इन आंकड़ों में 11% की बढ़ोतरी देखी गई है।

Suicide Update: उत्तर प्रदेश राज्य में आत्महत्या के मामले

उत्तर प्रदेश राज्य भारत का सबसे आबादी वाला राज्य है। कुल आबादी में 16.9% हिस्सा उत्तर प्रदेश का आता है। जहां आत्महत्या के मामले और राज्यों के मुकाबले सबसे कम पाए जाते हैं। उत्तर प्रदेश में 3.1 प्रतिशत आत्महत्या के मामले पाए गए हैं।

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Suicide Update: गंभीर सवाल

आत्महत्या करने के मामले हर साल बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इसके पीछे क्या कारण है? क्यों हर साल बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या करने का फैसला करते हैं? हमें इसके पीछे की ठोस वजह ढूंढनी चाहिए जिससे हम आत्महत्या करने जैसे बड़े जुर्म को रोक सके।

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