Target Killing: क्या चल रहा है कश्मीर की जेलों से आतंकी नेटवर्क? मिल रहा है टारगेट किलिंग का एजेंडा

Target killing : ड्रोन की मदद से आतंकियों के पास छोटे हथियार भेजे जा रहे हैं। ये हथियार ड्रग स्मगलर तक पहुंचाने जा रहे हैं। खुफिया एजेंसियां रख रही है कश्मीर की जेलों पर कड़ी नजर।

Jammu Kashmir target murders

कश्मीर की जेलों से चलाया जा रहा है आतंकी नेटवर्क और जेल में कैद आतंकियों की मदद से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई टारगेट किलिंग (Target Killing) को अंजाम दे रही है। ISI ने साफ तौर से अपने आतंकियों को ये निर्देश दिए हैं कि बड़े टारगेट नहीं कर सकते तो ऐसे लोगो को निशाना बनाए, जिनसे प्रचार और आतंक ज्यादा फैले।

पाकिस्तान की इस घटिया नाकाम साजिश के खुलासे के बाद जम्मू कश्मीर की जेलों में बंद अनेक आतंकियों को भारत की दूसरी जेलों में ट्रांसफर किया जा रहा है। कश्मीर में रोजाना हो रही थी टारगेट किलिंग (Target killing) निशाने पर थे गैर हिंदू और वो लोग जिन्हें कश्मीर में शांति प्रिय थी। 22 दिन तक आतंकियों ने लगातार टारगेट किलिंग (Target Killing) की, जिसके कारण पूरे कश्मीर में डर का वातावरण हो गया है। एक बार फिर बात कश्मीरी पंडितों के पलायन तक आने। इसी कारण केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई, इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से लेकर आला अधिकारी मौजूद रहे।

कश्मीर की जेलों से चल रहा है आतंकी नेटवर्क?

खबरों की माने तो, इस बैठक में कश्मीर के हालातों पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कड़ा रुख अपनाया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि आतंकियों को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए साथ ही उनकी जड़ पर ऐसा प्रहार किया जाये, जिससे आतंक का सफाया हो सके।

Target Killingआतंकियों को दिए जा रहे ये आदेश

सूत्रों की माने तो , केंद्रीय खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे मामले की गहराई से छानबीन की तो पाक की एक और नापाक और नाकाम साजिश सामने आई। इसी दौरान पता चला कि जम्मू कश्मीर की जेलों में कैद बहुत से आतंकी अभी भी अपने आकाओं के संपर्क में हैं और जब कभी भी इनसे कोई भी स्थानीय चेला मिलने आता है तो ये लोग, उसे नंबर देकर कहते हैं कि फंला से संपर्क कर लेना। सूत्रों से पता चला है कि ये संपर्क आईएसआई के लोगों का होता है। पाकिस्तान की एजेंसियों ने जो आदेश अपने आतंकियों को दिए हैं उनमें कहा गया है कि-

  • बड़े हथियारों के साथ इधर उधर घूम नहीं सकते।
  • बड़े टारगेट नहीं करना है।
  • सड़क पर खड़े और दफ्तर में बैठे आम लोगों पर गोली चलाने के निर्देश ।
  • ड्रोन की मदद से हथियार भेजे जा रहे हैं।
  • ड्रग स्मगलर की मदद से ये हथियार आतंकियों तक पहुँचाए जा रहे हैं।

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Target Killing जेल पर खुफिया एजेंसियों की नजर?

कुछ समय पहले खुफिया एजेंसियों ने जम्मू कश्मीर की जेलों में छापेमारी भी की थी। उस समय आतंकियों से फ़ोन और सिम भी बरामद हुए थे। इस जांच के दौरान पाक की नापाक साजिश सामने आई थी। और इस साजिश में जो -जो आतंकी शामिल थे, उनकी लिस्ट तैयार की जा रही है। और इसी के आधार पर आतंकियों को इस जेल से निकालकर भारत की अन्य दूसरी जेलों में ट्रांसफर किया जाएगा।

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जम्मू कश्मीर में फिलहाल इस समय 14 जिले हैं, इनमें से दो केंद्रीय जेल और आठ जिला जेल तीन सब जेल और एक स्पेशल जेल शामिल हैं। इन जेलों में बहुत से कश्मीरी और पाकिस्तानी आतंकी कैद है।

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