Udaipur Tailor Murder: उदयपुर हत्याकांड पर अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि भारत में मुसलमान तालिबानी फरमान को कभी स्वीकार नहीं करेगा।
Udaipur Tailor Murder
उदयपुर में दर्जी कन्हैया की हत्या (Udaipur Tailor Murder) की घटना के बाद अजमेर दरगाह (Ajamer Dargah) दीवान जैनुल आबेदीन अली खान ने मंगलवार को बयान देते हुए कहा कि भारत के मुसलमान देश में कभी भी तालिबानी (Talibani) मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे। 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में मंगलवार को दो लोगों ने धारदार हथियार से एक दर्जी की हत्या कर दी और उसका वीडियो (video) सार्वजनिक करते हुए कहा कि “इस्लाम के अपमान” का बदला ले रहे हैं।
अजमेर शरीफ दरगाह के दीवान खान ने अपने बयान में कहा कि कोई भी धर्म मानवता के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा नहीं देता है। विशेष रूप से इस्लाम धर्म में सभी शिक्षाएं शांति के स्रोता के रूप में कार्य करती है। खान ने कहा कि आरोपी कुछ कट्टरपंथी समूहों का हिस्सा थे जो हर समाधान हिंसा के रास्ते से ही ढूंढ़ते हैं।
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Udaipur Tailor Murder में मौलाना हकीमुद्दीन ने की घटना की निंदा
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने भी हत्या की घटना की निंदा की। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि जिसने इस घटना को अंजाम दिया है उसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता, ये हमारे देश के कानून और हमारे धर्म के खिलाफ है। किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने इस अवसर पर देश के सभी नागरिको से अपने भावनाओं पर नियंत्रण और देश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
Udaipur Tailor Murder आखिर क्या है पूरा मामला?
मंगलवार को राजस्थान के उदयपुर (Udaipur) के धानमंडी थाना क्षेत्र के टेलर कन्हैया (Kanhaiya) की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। हालांकि, पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। ये पूरा मामला 10 जून से शुरू होता है जब सोशल मीडिया पोस्ट (Social Media Post) के लिए कन्हैया पर केस दर्ज किया गया था। जिसके बाद टेलर कन्हैया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। 15 जून को कन्हैया को जमानत मिल गई। और वहीं 17 जून को कन्हैया को जान से मारने की धमकी मिली। जिसके बाद कन्हैया ने पुलिस से शिकायत की। कन्हैया ने जान का खतरा बताते हुए पुलिस से सुरक्षा की मांग की। उसके बाद कन्हैया समेत दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता कराया। लेकिन तब भी टेलर कन्हैया की हत्या कर दी गई।
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